Children Youth and Climate Change; Towards Hope for Climate Justice and Inclusive Future
adminJune 12, 2024
Ajay K Jha •
The most positive thing that has perhaps happened in the last decade in the climate discourse has been the visibility of youth and children in climate activism. Greta, Vanessa also Indian girls like Disha and Licipriya etc have brought in immense energy world over among the youth. Children have been active in bringing legal action against the governments in many countries inclu...
पैरवी संवाद – नवंबर 2023
adminNovember 29, 2023
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी यह पूरी दुनिया के लिए उम्मीदों, अटकलों और निरशाओं के मौसम की शुरुआत है। जो साथी जलवायु परिवर्तन और इससे जुड़े मुद्दों पर सक्रिय हैं वे इस मौसम की अहमियत समझते हैं। अगले महीने दिसम्बर में काॅप 28 का आयोजन होने जा रहा है जिसमें लगभग सारी दुनिया के प्रतिनिधि फिर एक बार इकट्ठे होंगे और जलवायु परिवर्तन की समस्याओं के समाधान पर चर्चा करेंगे। इस बार काॅप के शुरू होने से पहले ...
पैरवी संवाद – दिसम्बर 2022
adminDecember 30, 2022
काॅप 27 इस एहसास के बहुत करीब है कि हम अभी भी शताब्दी के अंत तक तापमान में तीन डिग्री से चार डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के कगार पर हैं। यह आईपीसीसी आपको नहीं बताएगी लेकिन अगर आप वैज्ञानिक आकलन देखें, जो कहने के लिए गैर-राजनीतिक और बिना किसी समझौते के हैं, तो हम अभी भी सदी के अंत तक तीन से चार डिग्री सेल्सियस की वृद्धि पर हैं।
नवीनतम यूएनईपी रिपोर्ट हमें बताती है कि यदि सभी देश अपने सभी वादों...
पैरवी संवाद – जून 2022
adminJune 30, 2022
5 जून 2022 को हर वर्ष की तरह विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। पर्यावरण दिवस मनाने की प्रथा 5 जून 1972 में शुरू हुई थी जब स्टाॅकहोम में मानव पर्यावरण की वैश्विक बैठक के सफल आयोजन पर राष्ट्रसंघ की आमसभा ने हरेक वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाना तय किया। स्टाॅकहोम की बैठक की थीम ‘केवल एक दुनिया’ (Only One World) थी। इस वर्ष भी पर्यावरण दिवस की थीम ‘केवल एक दुनिया’ ही थी। इस वर्ष स्...
पैरवी संवाद – दिसम्बर 2021
adminJanuary 12, 2022
काॅप 26 चुनौतीपूर्ण था। इस काॅप में पेरिस रूल बुक को अंतिम रूप देने के लिए कुछ अहम मुद्दों पर फैसला लिया जाना था। आर्टिकल 6- सहकारी तंत्र (बाजार और गैर-बाजार आधारित दृष्टिकोण सहित), एनडीसी के लिए समान समय सीमा और उन्नत पारदर्शिता तंत्र के लिए रिपोर्टिंग प्रारूप/तालिकाएं आदि मुद्दे थे, जिन पर बात की जानी थी। इसके अलावा अनुकूलन पर वैश्विक लक्ष्य व हानि और क्षति (वित्तीय सुविधा का निर्माण) के संब...
संकट के समय लोगों की आकांक्षाओं पर नाकाम संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय राजनीतिक मंच
Ajay K JhaDecember 31, 2021
अजय झा.
संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय राजनीतिक मंच (भ्स्च्थ्) के कंधों पर वर्तमान अस्थिर दुनिया से ग़रीबी व भूख मिटाने और एक दषक में पारिस्थितिक संतुलन सुनिष्चित करने में मदद करने की ज़िम्मेदारी है। ऐसे समय में जहाँ लगभग चार मिलियन लोग मारे गए, तकरीबन 190 मिलियन लोग बीमार हुए और करोड़ों लोग भुखमरी व अत्यधिक ग़रीबी में घिर चुके हैं, 7.9 मिलियन लोगों की आकांक्षाएँ एचएलपीएफ पर एक अटूट कर्तव्य बन जात...
कोविड महामारी और वैक्सीन का पूँजीवाद
Ajay K JhaDecember 31, 2021
जून के अंत तक कोविड-19 महामारी से पूरी दुनिया में कम से कम 18 करोड़ बीमार हुए और 39 लाख 30 हजार लोग मारे गए हैं। भारत में भी तीन करोड़ से अधिक लोग बीमार और 3,97000 से अधिक मौतें हुई हैं। जहाँ बीमार लोगों की संख्या में भारत अमरीका से पीछे दूसरे स्थान पर है वहीं मौत के आंकड़े में भारत अमरीका और ब्राजील के बाद तीसरे स्थान पर है। अमरीका में तकरीबन छः लाख और ब्राजील में 5,14,000 लोग मारे जा चुके हैं।
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पैरवी संवाद – जून 2021
adminJune 30, 2021
कोविड-19 महामारी एक ऐसे संकट की तरह सामने आई है जिसका सामना इससे पहले शायद ही पूरी दूनिया ने कभी एक साथ किया हो। दो वर्ष से भी कम समय में किसी बीमारी से लाखों की तादाद में लोगों के मारे जाने, और करोड़ों लोगों के ग़रीबी और भुखमरी का षिकार होने का आंकड़ा भयावह है। अमरीका, ब्राजील और भारत इस महामारी के भयावह रूप को देखने वाले शीर्ष तीन देष रहे। भारत में ही तीन करोड़ से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं और तक...
पैरवी संवाद – नवंबर 2020
adminNovember 30, 2020
पिछले कुछ सालों में हमारी केन्द्र सरकार लगातार ऐतिहासिक फैसले लेती आ रही है। ऐतिहासिक इस मामले में भी कि उन फैसलों पर सरकार की बड़े पैमाने पर आलोचना हुई है। अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट के अनुसार नोटबंदी के फैसले ने 50 लाख लोगों से उनका रोजगार छीन लिया। 2020 के मार्च में चार घंटे की मोहलत देकर किए गए लाॅकडाउन ने हजारों मजदूरों को पैदल घरों की ओर कूच करने के लिए मजबूर किया जिसमें सैकड़ो...