पैरवी संवाद, दिसम्बर 2024

विगत महीनों में देश-दुनिया के पटल पर कई महत्वपूर्ण घटनाऐं हुई हैं जिन्होंने मानवाधिकार और न्याय पर नये सिरे से विचार-विमर्श को मजबूर किया है। जलवायु परिवर्तन पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘काॅप’ के विमर्शों में जलवायु वित्त कोई नया विषय नहीं है। इसी बिंदु को लेकर इस बार काॅप29 को जिस तरह ‘फाइनेंस काॅप’ कहा जा रहा था, उसके परिणाम में जलवायु वित्त पर विकसित देशों की प्रतिक्रिया और विकासशील व छोटे द्वीपीय देशों के सामने मौजूद जलवायु संकट के प्रति उदासीनता ने जलवायु न्याय और मानवाधिकारों के प्रश्नों को और गहरा किया है।

मानवाधिकारों की दृष्टि से देखें तो जलवायु परिवर्तन के साथ ही दो और बड़े ख़तरे इस समय दुनिया के सामने हैं।  इनमे से एक है दुनिया भर में चल रहे सशस्त्र संघर्ष। सिर्फ इजरायल-फलस्तीन या यूक्रेन-रूस युद्ध की बात नहीं है, पिछले कुछ वर्षों से हर साल पूरी दुनिया में 150 से भी ज्यादा सशस्त्र संघर्ष दर्ज किए जा रहे हैं, जो मानवाधिकारों और उनके रक्षकों के लिए गंभीर ख़तरा बन रहे हैं। ऑफिस फाॅर द कोआर्डिनेशन ऑफ ह्यूमैनिटेरियन अफेयर्स (OCHA) के अनुसार साल खत्म होने से पहले ही 2024 दुनिया भर में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के लिए सबसे घातक साल बन गया है। इस साल दुनियाभर में 281 मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के मारे जाने का सबसे बड़ा कारण मध्य पूर्व में हिंसा को माना जा रहा है।

मानवाधिकारों के लिए दूसरा ख़तरा जो उभरा है वह है तकनीक। इंटरनेट के जाल और तकनीक के विकास ने जहां सूचना, प्रसारण और कई अन्य क्षेत्रों में सुविधाएं बढ़ाई हैं वहीं आम आदमी के लिए संकट भी खड़ा किया है। मानवाधिकारों का हनन करते साइबर अपराधों में वृद्धि हर दिन अपना पिछला रिकाॅर्ड तोड़ रही है। इस साल ‘महिलाओं के विरुद्ध हिंसा के उन्मूलन के लिए अन्तरराष्ट्रीय दिवस’ की 25वीं वर्षगाँठ मनाई जा रही है, विश्व नेता और लैंगिक पैरोकार कह रहे हैं कि महिलाओं के विरुद्ध हिंसा एक वैश्विक संकट के रूप में बरकरार है, तो यह सच ही है क्योंकि महिलाओं के विरुद्ध हिंसा के पुराने तौर-तरीकों के साथ ही तकनीक के अनियंत्रित उपयोग ने भी महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों में इजाफा किया है।

पैरवी संवाद के इस अंक में हमने जलवायु वित्त, काॅप29 में प्रगति, साइबर अपराध और मानवाधिकार, महिलाओं के विरुद्ध हिंसा, जातीय भेदभाव से जुड़ी ख़बरों और लेखों को साझा किया है। हमेशा की तरह गतिविधियों के संक्षिप्त समाचार भी हैं।

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