Excerpt:
किशोरों को जेल में रखना किशोर न्याय की मूल भावना के खिलाफ है. किशोरों को वयस्कों के लिए बनाए जेल में रखा जाना किशोर न्याय अधिनियम का खुला उल्लंघन है. खुलेआम न केवल किशोरों को जेल में भेजा जा रहा है बल्कि ऐसी घटनाएँ दिनों-दिन बढ़ रही हैं. हालाँकि इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है कि प्रदेश की जेलों में कितने बच्चे बंद हैं लेकिन बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के ‘बंदियों की स्थिति रिपोर्ट 2015’ के मुताबिक प्रदेश की 58 जेलों में कुल 476 बच्चे बंद हैं…

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