भारिया: विकास का वर्तमान परिदृश्य

Excerpt:

मध्य प्रदेश के ज़िला छिन्दवाड़ा के पातालकोट क्षेत्र में रहने वाली आदिम जनजाति भारिया की स्थिति विभिन्न पहलुओं पर चिंताजनक है. ख़ासकर शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार के संबंध में. जैसे कि पातालकोट के विद्यालयों में शिक्षकों का अभाव है. क्षेत्र में चिकित्सक नहीं हैं, नतीजतन रोगियों की मृत्यु तक की गंभीर स्थितियाँ निर्मित हो जाती हैं. मार्च-अप्रैल में रोज़गार के लिए अस्थायी पलायन के कारण गाँव सूने हो जाते हैं. इसके अलावा जलवायु परिवर्तन और जल-जंगल-ज़मीन से जुड़ी दुश्वारियाँ भी भारिया समुदाय के जीवन का हिस्सा हैं.

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